अगर आपसे कहें कि अब गंगा की धारा अकबरपुर अंबेडकर नगर से होकर प्रवाहित होगी तो एक पल के लिए आप आश्चर्य चकित हो जायेंगे।
लेकिन बात बिल्कुल सही है गंगा की धारा तो नहीं लेकिन बरसात के पानी के जलभराव से अकबरपुर मुख्यालय पूरी तरह किसी नदी के बेसिन सा हो गया है।
अकबरपुर नगरपालिका परिषद EO बीना सिंह और चेयरमैन चंद्रप्रकाश वर्मा की निष्क्रियता आई सामने।
पूरा शहर नाले के पानी से डूबा हुआ है।
बरसात से पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जनपदों के अधिकारियों को बाढ़ और जल भराव से निपटने की तैयारी को लेकर आदेश दिया था।
आदेश के पालन हेतु मीटिंग के बाद मीटिंग होती रही ।
इन मीटिंग की खबरों ने समाचार पत्रों की शोभा बढ़ाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी ।
इसी प्रकार की कई मीटिंग अकबरपुर नगर पालिका कार्यालय में भी संपन्न हुई।
लेकिन नतीजा देखकर आप खुद शर्म से झुक जायेंगे।
आखिर जलभराव से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले धन का उपयोग कहां हो रहा है?
नगर पालिका परिषद अकबरपुर की निष्क्रियता का परिणाम ये है कि शहर के हर मुख्य मार्ग पर जलभराव के कारण राहगीरों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
शहर भर में स्वच्छ नगरपालिका , स्वच्छ अकबरपुर के पोस्टर भरे पड़े हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
आखिर इन सब समस्याओं का जिम्मेदार कौन है?