आज के समय में टोल टैक्स प्लाजा और fastTag से भारत की लगभग आबादी परिचित है।
लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि भारत सरकार अब टोल प्लाजा और fastTag दोनों बंद करने जा रही है।
तो एक पल के लिए आप चौंक जाएंगे।
लेकिन ये बात बिलकुल सही है कि भारत सरकार टोल प्लाजा और fastTag को बंद करने का प्रयास कर रही है।
लेकिन आप खुश मत होइए ।
क्यों कि इसके बाद से आपको सड़कों पर चलने के लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी।
जैसा कि आप सभी को पता है कि देश में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे पर जगह जगह टोल प्लाजा बने हैं ।आपकी गाड़ियों में लगे fastTag के जरिए सरकार रोड टैक्स वसूलती है।
लेकिन कई बार आपने देखा होगा कि कुछ नेता या फिर अधिकारी अपने प्रभाव से आज भी बिना टोल दिए निकल जाते हैं।
कुछ लोगों को टोल प्लाजा के नजदीक किसी अन्य रास्ते की जानकारी होती है और वो बिना टोल चुकाए दूसरे रास्ते से निकल जाते हैं। इन सबसे सरकार को नुकसान होता दिख रहा है।
हालांकि आपको बता दें कि वर्ष 2023 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल टैक्स के जरिए कुल पचास हजार करोड़ रुपए कमाए थे।
लेकिन अब आगामी 3 साल के अंदर भारत सरकार इस कमाई को तीन गुना करने के बारे में सोच रही है ।
भारत सरकार की स्वायत्त निकाय NHAI ने टोल टैक्स वसूलने का अलग विकल्प खोज लिया है।
अब NHAI fastTag या कैश पेमेंट द्वारा टोल टैक्स वसूलना बंद कर देगी।
NHAI ने अब टोल टैक्स सैटेलाइट के जरिए वसूलने का प्लान बना रही है।
सैटेलाइट से टोल टैक्स वसूलने की तकनीक रखने वाले कंपनियों के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
आपको बता दें कि सैटेलाइट के जरिए आपकी गाड़ी को किसी भी टोल प्लाजा पर रुकना नहीं होगा । इस व्यवस्था के बाद टोल प्लाजा पर अपनी धौंस दिखाकर टैक्स न देने वाले लोग भी अब टोल टैक्स देने के लिए मजबूर होंगे।
आपकी गाड़ी को सैटेलाइट से ट्रैक करके आपके खाते से पैसा लिया जाएगा।
लेकिन इस व्यवस्था के बाद एक सबसे गंभीर चिंता का विषय ये है कि किसी व्यक्ति की प्राइवेसी का क्या होगा?
NHAI के अधिकारी या कर्मचारी को सभी के लोकेशन की जानकारी रहेगी।
ऐसे में उनकी सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
लेकिन आपको बता दे कि जर्मनी, हंगरी और बेल्जियम जैसे देश पहले से ही सैटेलाइट से टोल टैक्स वसूल रहे हैं।