जिला मुख्यालय पर स्थित बी.एन.के.बी. पीजी कॉलेज में नवगठित अवधपुरी सांस्कृतिक क्लब ने कालेज के पीजी हाल में लोकगीत, लोकनृत्य और लोकनाट्य जैसी कलाओं के माध्यम से अवध की संस्कृति का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. शुचिता पाण्डेय ने कहा कि अवध की अपनी एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। अवध की माटी की खुशबू आज देश- विदेश के कोनों में फैल रही है। क्लब के सदस्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित ही ये प्रयास सराहनीय है। क्लब प्रभारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि संस्कृति विभाग,उत्तरप्रदेश सरकार की यह पहल हमारी संस्कृति की जड़ों को मजबूत करेगी। क्लब के सह-प्रभारी वागीश शुक्ल ने बताया कि संस्कृति से हमारी पहचान जुड़ी होती है।अवधपुरी सांस्कृतिक क्लब के माध्यम से छात्र न केवल अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं अपितु वह तकनीक के इस युग में हमारी संस्कृति के ध्वजवाहक बन रहें हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सोशलमीडिया का सकारात्मक उपयोग करके अपनी संस्कृति को प्रसारित करने की सलाह दी। कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों ने उमरिया सरके धीरे- धीरे, आज जन्मे ललनवा, बलम की मैं प्यारी, कोयल बिना बगिया न सोहे राजा, कहवा गइल लरिकइया हो तनी हमके बतावा,मोरे पिछवरवा लउँगिया कै पेड़वा, लउँगा चुवइ अधी राति जैसे लोकगीत,नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन सृष्टि सिंह ने किया।कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों सौरभ तिवारी, सृष्टि सिंह, साक्षी विश्वकर्मा, जबीन खान, ज्योति, इशिका मिश्रा, अन्नू गौर, आदित्यानंद शुक्ल, गौरव शुक्ल, अवंतिका पांडेय, अनुपम शर्मा, नंदिता सिंह, श्वेता सिंह, हर्षिता मिश्रा, खुशी गुप्ता, पूजा विश्वकर्मा,सुश्रुति मिश्रा, तान्या मिश्रा, शिखा यादव, आयुष श्रीवास्तव, प्रतीक श्रीवास्तव, कल्पना सिंह, नेहा शुक्ला, सरिता तिवारी, हर्षिता मिश्रा, जबीन खान, मीना खातून,निधि गुप्ता, नंदिता सिंह, , शिवानी वर्मा,एकता तिवारी आदि ने प्रतिभाग किया।
इस मौके पर विजय गुप्ता, डॉ. कमल त्रिपाठी, विनय यादव, दिनेश वर्मा, सूर्यनाथ मौर्य, अंचल चौरसिया आदि शिक्षकगण के साथ- साथ महाविद्यालय के कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
अवधपुरी सांस्कृतिक क्लब ने बिखेरी बीएन पीजी कॉलेज में अवध की सांस्कृतिक छटा
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