Wednesday, December 18, 2024
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लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के बिगड़ते समीकरण को पल भर में बदल दिया अमित शाह ने।

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के बिगड़ते समीकरण को पल भर में बदल दिया अमित शाह ने।

एक फैसले से विपक्ष की मुश्किलें बढ़ गई।
एक तीर से कई निशाना साधने वाले अमित शाह ने कई लोकसभा सीटों पर भाजपा की जीत को आसान बना दिया। सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक पार्टियों के आकर्षण का केंद्र रहता है। इसके पीछे वजह भी है। किस पार्टी की सरकार केंद्र में होगी इसका निर्धारण उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें करती है। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को 71 सीटें मिली वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों में कमी होती दिखी और भाजपा गठबंधन को कुल 65 सीटें मिली। अब ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। 70 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चलने वाली भाजपा के लिए ये सफर इतना आसान नहीं होगा ये भाजपा संगठन को भी पता था। जातीय समीकरण को यदि नजरंदाज किया जाता तो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं होता। क्यूं कि भाजपा के प्रति लोगों में अन्य कई मुद्दों को लेकर नाराजगी व्याप्त है ऐसे में जातीय समीकरण का लाभ लेना एक मात्र विकल्प है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के विरोध की सबसे बड़ी वजह है बेरोजगारी। शिक्षकों का प्रदेश कहे जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने आगामी किसी भी शिक्षक भर्ती को नकार दिया है। कई भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर भी गुस्सा व्याप्त है। ऐसे में जातीय समीकरण को संभालना सबसे बड़ी चुनौती है भाजपा के लिए। उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज का एक बहुत बड़ा प्रभाव है। ऐसे में चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के सियासी जादूगर बृजभूषण शरण सिंह पर कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया।

क्षत्रिय समाज के प्रभावशाली नेता बृजभूषण शरण सिंह के टिकट न मिलने पर क्षत्रिय समाज में काफी रोष व्याप्त था। अंततः भाजपा ने इसके परिणाम को भांपते हुए बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करन भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। इसके बाद कुछ हद तक क्षत्रिय समाज की नाराजगी दूर हुई।

लेकिन वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल की राजनीति को अपनी लोकप्रियता से प्रभावित करने वाले बाहुबली नेता धनंजय सिंह का जेल जाना उसके बाद उनकी पत्नी का जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन करना भाजपा के लिए मुसीबत बन गया था।

परिस्थिति को भांपते हुए गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार भाजपा संगठन के लोग लगातार बाहुबली नेता धनंजय सिंह के साथ संपर्क में थे।

अभी हाल फिलहाल में प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर प्रभुत्व कायम रखने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके तुरंत बाद धनंजय सिंह ने लोगों से भाजपा के लिए समर्थन मांगा।

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