जीवन की मूलभूत सुविधाओं पर भी टैक्स वसूल करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शुद्ध पेयजल प्राप्त करने का अधिकार देश के समस्त नागरिकों का मूल अधिकार है।
ऐसे में सरकार वाटर पाइप लाइन के जरिए हर घर जल पहुंचाने का काम करती है।
इसी क्रम में वर्तमान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल पहुंचाने हेतु प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से देश के प्रत्येक गांव में हर घर तक जल आपूर्ति की व्यवस्था करवाई।
लेकिन शायद उस समय ग्रामीणों को इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि इस सुविधा के लिए उन्हें कभी भारी भरकम टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार पंचायतों के माध्यम से जल आपूर्ति हेतु टैक्स वसूल करने का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर ली है।
अब ऐसे में देखना ये होगा कि न्यूनतम मजदूरी प्राप्त करने वाले और मुफ्त के राशन से अपना जीवन यापन करने वाले गांव के मजदूर वर्ग कैसे पानी पर लगे टैक्स को अदा कर पाएंगे।
सरकार के इस फैसले के बाद ग्रामीणों के सामने एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।
हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान कई ग्रामीणों ने सरकार के इस फैसले की निंदा किए।
गांव में भी पानी का टैक्स वसूल करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
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