90 के दशक में मंडल कमीशन लागू होने के बाद देश ने जो विरोध देखा वैसा ही कुछ नजारा एक बार फिर से हमारी आंखों के सामने है।
जहां मंडल कमीशन के विरोध का मुख्य चेहरा राजीव गोस्वामी थे वही आज के भारत बंद के जन आंदोलन के मुख्य सूत्रधार आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद दिखे।
जैसा कि आप सभी को अवगत है कि अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने का निर्देश दिया जिसके बाद देश के हर कोने में इस फैसले का विरोध शुरू हो गया।
संसद की कारवाई के दौरान लगभग सभी राजनीतिक दलों ने भी इस फैसले का विरोध किया लेकिन सबसे बुलंदी के साथ इस फैसले का विरोध आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने किया।
देश की लगभग सभी राजनीतिक दलों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया था जिसमे सबसे बड़ी भूमिका आजाद समाज पार्टी की रही।
एक तरफ जहां कभी एससी एसटी की हितैषी कही जाने वाली पार्टी बसपा की भूमिका कुछ खास नहीं दिखी वहीं आजाद समाज पार्टी ने पूरे दमखम के साथ भारत बंद को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद के आवाह्न पर पूरे देश से एससी एसटी समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गए।
आजाद समाज पार्टी के नेतृत्व में लोगों का बहुत बड़ा हुजूम सड़कों पर उतर आया।
पहले तपती गर्मी और बाद में भारी बारिश को नजरंदाज करते हुए आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
जनपद अंबेडकर नगर भी इस विरोध प्रदर्शन से अछूता नहीं रहा।
अंबेडकर नगर में भी भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लहराते हुए जमकर नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पूरा शहर जाम की जद में आ गया था।
इतनी भारी संख्या में लोगों के विरोध को रोकने में पुलिस के पसीने छूट गए।
बारिश भी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के जोश की गर्मी को शांत न कर सकी।
आगे आगे भारी पुलिस बल और पीछे प्रदर्शनकारियों का हुजूम पूरे शहर में देखने को मिला।
कभी बसपा का गढ़ माना जाने अंबेडकर नगर में भी बसपा निष्क्रिय नजर आई तो वही तेजी से उभर रही आजाद समाज पार्टी ने पूरे दमखम से भारत बंद को सफल बनाया।