चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि भाजपा को 370 सीटें मिलने का कोई आसार नहीं दिख रहा है।
हालांकि प्रशांत किशोर ने ये भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है।
2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें पश्चिम और उत्तर भारत से मिली थी।
वही दूसरी ओर दक्षिण भारत में भाजपा की सीटों की संख्या कम है।
वैसे देखा जाए तो इस बार भी 2019 लोकसभा चुनाव जैसा ही माहौल दिख रहा है।
2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थीं। जिसमें से 250 सीटें उत्तर और पश्चिम भारत में मिली थी।
हालांकि इस बार इन लोकसभा सीटों पर भाजपा को लगभग 50 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।
वहीं दूसरी ओर दक्षिण और पूर्वी भारत में 2019 लोकसभा में भाजपा को लगभग 50 सीटें मिली थीं।
लेकिन इस बार इन क्षेत्रों में भाजपा को 20 से 30 सीटों पर लाभ मिलता दिख रहा है।
यदि औसत रूप में देखा जाए तो भाजपा को इस बार भी पूर्ण बहुमत हासिल हो सकता है।