देश के अन्नदाता तपती गर्मी में हुए मजबूर।
प्रशासन अभी तक बेखबर दिख रहा है।
सरकार किसानों के हित की बड़ी बड़ी बात तो करती है लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है।
आपको बता दें जनपद अंबेडकर नगर के किसान इस भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे सड़क पर खाना बनाने को मजबूर हैं।
अपनी खेती किसानी जो किसानों के जीवन का मुख्य आधार है उसे छोड़कर पूरे परिवार समेत सड़क पर दिन रात धरना देने के बाद भी उनकी मांगों को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई हल नहीं निकाला जा रहा है।
मामला कई वर्षों पुराना है फिर भी अभी तक किसानों को उनका हक नहीं मिल सका।
जानते हैं पूरा प्रकरण क्या है –
जनपद अंबेडकर नगर के टांडा तहसील से अंतर्गत 43 गांवों का अधिग्रहण एनएचएआई के परियोजना 233 के तहत किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया।
किंतु 12 ग्राम जिनमें मुख्य रूप से आसोपुर , रूस्तमपुर, त्रिलोकपुर, समसुद्दीनपुर , सुलेमपुर अन्य सभी शेष गांवों के किसानों को निर्धारित अधिग्रहण भूमि का मुवावजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है।
अपने हक को लेकर आए दिन किसान अकबरपुर टांडा हाईवे पर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग पूरी करवाने का प्रयास करते हैं लेकिन उनका हर प्रयास असफल हो जाता है।
ऐसे में किसानों के पास प्रशासन को अपनी मांग पूरी करवाने के लिए व्यापक धरने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा तो उक्त गांवों के किसानों ने आज टांडा अकबरपुर मुख्य मार्ग को जाम करके अपना विरोध दर्ज करा रहें हैं।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अंबेडकर नगर जिला अध्यक्ष विनय कुमार वर्मा उक्त धरने का नेतृत्व कर रहें हैं।
विनय कुमार वर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जब तक प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता आश्वाशन नहीं मिलता तब तक धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा।